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सोमवार, 10 सितंबर 2012

आगामी कार्यक्रम सूचना ..कृपया इसे शेयर करे..सुगना फाऊंडेशन मेघलासिया.

राजपुरोहित न्यूज़ 
आसोतरा मे राजपुरोहित समाज के ब्रह्मा सावित्री सिद्ध पीठाधीश्वर अनंत विभूषित ब्रह्मऋषि ब्रह्मचार्य श्री तुलसारामजी महाराज का चतुर्मास श्री खेतेश्वर ब्रह्मधाम तीर्थ आसोतरा में (ब्रह्म सरोवर, आसोतरा में ब्रम्हाजी मंदिर जिला बाडमेर राजस्थान) अभी ब्रह्मचारी श्री ध्यानाराम वेदांताचार्य जी द्वारा 9:00 Am to 1200 PM श्री मद् भागवत प्रवचन और 4:00 PM to 5:00 PM तक गीता प्रवचन चल रहा है आप सभी पधार कर इस महान दिन का आनंद ले.... सुगना फाऊंडेशन मेघलासिया
अधिक जानकारी के लिए
 प्रस्तुतकर्ता :- सवाई सिंह
by..राजपुरोहित समाज ब्लॉग


कृपया इसे शेयर करे..आगामी कार्यक्रम सूचना:-
श्री ब्रह्मा सावित्री सिद्ध पीठाधीश्वर तुलछाराम महाराज जी का चातुर्मास व्रत ब्रह्म सरोवर(आसोतरा में ब्रम्हाजी मंदिर जिला बाडमेर राजस्थान ) पर चल रहा है और इस दौरान कथावाचक ब्रह्मचारी श्री ध्यानाराम वेदांताचार्य की ओर से श्री मद् भागवत कथा का वाचन किया जाएगा! जिसका सीधा प्रसारण संस्कार चैनल पर किया जाएगा! ये प्रसारण 24 से 30 सितम्बर 2012 सुबह 10:30 बजे से दोपहर 2:00 बजे तक किया जाएगा !...आप सभी पधार कर अपने जीवन को सफल बनावे और इस महान दिन का आनंद ले.... सुगना फाऊंडेशन

 आप सभी इस लिंक http://www.facebook.com/events/395915447123829 पर जाकर अपने मित्रों को आमंत्रित करें जिससे ये जानकारी सभी राजपुरोहित को हो सके इस का उद्देश्य जन साधारण तक गुरु जी का संदेश पहुँचाना है इस में आपका सभी का सहयोग निश्चित रूप से आवश्यक और अतुलनीय होगा धन्यवाद्.. ....सुगना फाऊंडेशन मेघलासिया.. 
 अधिक जानकारी एस.पी.सिंह{श्री खेतेश्वर ब्रह्मधाम आसोतरा मिडिया प्रभारी}
Mob.No.09837005816,
  

शनिवार, 3 मार्च 2012

श्री खेतेश्वर महाराज जन्मशताबदी महा महोत्सव,ब्रह्म ज्योति रथ यात्र आज आगरा


            ब्रह्मवतार संत श्री 1008 श्री खेतेश्वर महाराज जन्मशताबदी महा महोत्सव 1912- 2012 के उपलक्ष्य में आयोजित "श्री खेतेश्वर ब्रह्म ज्योति रथ यात्रा 2012" जोकी श्री 1008  खेतेश्वर महाराज जी के जन्म स्थली खेड़ा से होते हुऐ  पुष्कर, अजमेर ,जयपुर , गुडगाव, दिल्ली,सोनीपत, करनाल आदि होते पहुच रही है जिसमे अखंड ज्योति , संत श्री 1008 श्री खेतेश्वर महाराज के चरण पादुका और रज है ! इस अवसर पर सुगना फाऊंडेशन मेघलासिया जोधपुर और राजपुरोहित हेलथ केयर सिस्टम-आगरा की और से इस रथ  यात्रा का भव्य स्वागत जोकि सुगना फाऊंडेशन-मेघालासिया के सरंक्षक श्री विरम सिंह राजपुरोहित और डॉ. बी.आर.कपूर, श्री अनिल कुमार शर्मा, श्री एस.पि.सिंह, श्री मनोज सिंह, डॉ.एम.पि .सिंह, श्री मेहन्द्र सिंह राजपुरोहित, श्री डी.के.शर्मा, सवाई सिंह, विकर्म सिंह, योगेन्द्र सिंह, शक्ति सिंह, कुलदीप सिंह, दक्ष प्रताप सिंह सहित आगरा के सभी निवासियों के साथ धूमधाम से स्वागत किया जाएगा! आप सभी पधार कर इस रथ यात्रा दशन करे और अपना जीवन सफल बनावे! 

   अपील  
सुगना फाऊंडेशन मेघलासिया जोधपुर
और
राजपुरोहित हेलथ केयर सिस्टम-आगरा 



श्री खेतेश्वर ब्रह्म ज्योति रथ यात्रा 2012  के विषय में ओर    को जानकारी के लिए  
09829232503, 09829232504, 09829232505, 09829232506,09829232507
                      http://skbdtirth.org 










सोमवार, 27 जून 2011

"REPORT MY SIGNAL"


 “दर्द होता रहा छटपटाते रहे, आईने॒से सदा चोट खाते रहे, वो वतन बेचकर मुस्कुराते रहे
हम वतन के लिए॒सिर कटाते रहे”

280 लाख करोड़ का सवाल है ...
भारतीय गरीब है लेकिन भारत देश कभी गरीब नहीं रहा"* ये कहना है स्विस बैंक के डाइरेक्टर का. स्विस बैंक के डाइरेक्टर ने यह भी कहा है कि भारत का लगभग 280 लाख करोड़ रुपये उनके स्विस बैंक में जमा है. ये रकम इतनी है कि भारत का आने वाले 30 सालों का बजट बिना टैक्स के बनाया जा सकता है.

या यूँ कहें कि 60 करोड़ रोजगार के अवसर दिए जा सकते है. या यूँ भी कह सकते है कि भारत के किसी भी गाँव से दिल्ली तक 4 लेन रोड बनाया जा सकता है.

ऐसा भी कह सकते है कि 500 से ज्यादा सामाजिक प्रोजेक्ट पूर्ण किये जा सकते है. ये रकम इतनी ज्यादा है कि अगर हर भारतीय को 2000 रुपये हर महीने भी दिए जाये तो 60 साल तक ख़त्म ना हो. यानी भारत को किसी वर्ल्ड बैंक से लोन लेने कि कोई जरुरत नहीं है. जरा सोचिये ... हमारे भ्रष्ट राजनेताओं और नोकरशाहों ने कैसे देश को

लूटा है और ये लूट का सिलसिला अभी तक 2011 तक जारी है.
इस सिलसिले को अब रोकना बहुत ज्यादा जरूरी हो गया है. अंग्रेजो ने हमारे भारत पर करीब 200 सालो तक राज करके करीब 1 लाख करोड़ रुपये लूटा.

मगर आजादी के केवल 64 सालों में हमारे भ्रस्टाचार ने 280 लाख करोड़ लूटा है. एक तरफ 200 साल में 1 लाख करोड़ है और दूसरी तरफ केवल 64 सालों में 280 लाख करोड़ है. यानि हर साल लगभग 4.37 लाख करोड़, या हर महीने करीब 36 हजार करोड़ भारतीय मुद्रा स्विस बैंक में इन भ्रष्ट लोगों द्वारा जमा करवाई गई है.

भारत को किसी वर्ल्ड बैंक के लोन की कोई दरकार नहीं है. सोचो की कितना पैसा हमारे भ्रष्ट राजनेताओं और उच्च अधिकारीयों ने ब्लाक करके रखा हुआ है.
हमे भ्रस्ट राजनेताओं और भ्रष्ट अधिकारीयों के खिलाफ जाने का पूर्ण अधिकार है.हाल ही में हुवे घोटालों का आप सभी को पता ही है - CWG घोटाला, २ जी स्पेक्ट्रुम घोटाला , आदर्श होउसिंग घोटाला ... और ना जाने कौन कौन से घोटाले अभी उजागर होने वाले है ........
आप लोग जोक्स फॉरवर्ड करते ही हो.
इसे भी इतना फॉरवर्ड करो की पूरा भारत इसे पढ़े ... और एक आन्दोलन बन जाये

मंगलवार, 14 जून 2011

दोस्तों, कृपया 1 मिनट का समय देकर इसे पढ़ें. अगर आपको लगता है कि बात में सच्चाई है तो यह सन्देश दूसरों को भी फॉरवर्ड करें .

दोस्तों,
कृपया 1 मिनट का समय देकर इसे पढ़ें. अगर आपको लगता है कि बात में सच्चाई है तो यह सन्देश दूसरों को भी फॉरवर्ड करें ***********************************************************************************************************************************************
स्वामी रामदेवजी से ही क्यों डरती है कांग्रेस? विदेशी लोगों का समर्थन करने वाली मिडिया क्यों पड़ी है स्वामी जी के पीछे ????
दोस्तों, क्या आपने कभी सोचा है स्वामी रामदेव जी  से ही कांग्रेस क्यों परेशान है और डरती है, जानिए  कारण:
1-स्वामी ramdev जी के तर्क के आगे कांग्रेस के तथाकथित  प्रवक्ता 5 मिनट भी नहीं टिकेंगे.

2- स्वामी जी के पास कांग्रेस का वास्तविक  इतिहास का साक्ष्य है और कांग्रेस के कारनामो का काला चिटठा है,

3- अभी तो बात आएगी मंच पर बहस की, जिसकी की आगे के किसी  भी चुनाव में जोर देकर मांग की जायेगी, तब ये अज्ञानी प्रवक्ता मंच पर  जनता को क्या जवाब देंगे, सरकार हर साल लोगों से 134 प्रकार  के टैक्स से  कितना पैसा जमा कराती है और ये पैसे कहा खर्च हो जाते है? मंदिरों का पैसा सरकार किस मद में खर्च कराती है जिसे सिर्फ हिन्दू दान देकर इकठ्ठा करता है, ये बहुत बड़ा प्रश्न है.

4-मंच पर ये बहस नहीं  होगी की क्या  विकास किया, बहस होगी की राहुल, सोनिया, चिदंबरम, पवार, मनमोहन, विलासराव देशमुख, अहमद पटेल, प्रणव मुखर्जी जैसे लोंगो के भी काले धन के खाते है क्या?

5- काले धन का इतिहास क्या है, पहले कपिल सिब्बल ने कहा कोई भी नुकसान २ जी  घोटाले में नहीं हुआ है, फिर अहलुवालिया ने कहा की हा वास्तव में कोई घोटाला नहीं हुआ है, फिर मनमोहन ने कहा इसकी जाँच चल रही है, विपक्ष को टालते रहे, राजा जैसा आदमी जिसके पास अपनी मोबाइल को टाप अप करने का पैसा नहीं हो, यदि वह अपनी पत्नी के  नाम 3000 करोड़ रुपया मारीशाश में जमा कर दे, क्या यह सब बिना सोनिया की जानकारी के कर सकता है, उस पार्टी में जहा पर बिना सोनिया के पूछे कोई वक्तव्य  तथाकथित प्रवक्ता नहीं दे सकते है,

फिर आया महा घोटाला देवास-इसरो डील का जिसमे की 205000 करोड़ की बैंड विड्थ  को मात्र 1200 करोड़ के 10 साल के उधार  के पैसे में दे दिया गया, भला हो सुब्रमनियम स्वामी जी का जिन्हें इन चोरो को नंगा कर दिया, हमारी कांग्रेसी और विदेशी मिडिया सुब्रमनियम स्वामी की तस्वीर हमेशा से गलत पेश किया है जब की वास्तव में भारत देश को ऐसे ही इमानदार नेताओ की जरुरत है जिसने कभी भी चोरी के बारे में सोचा  ही नहीं,

फिर आया कामनवेल्थ खेल का 90000 करोड़ का घोटाला, फिर कोयला का घोटाला जिसमे ठेकेदारों द्वारा 10 पैसे प्रति किलो के भाव से कोयला खरीदा जाता है और उसे बाजार में 4 रुपये किलो तक बेचा जाता है, यह रकम अब तक 26 लाख करोड़ होती है,

6-इटली के 8 बैंक और स्वीटजरलैंड के 4 बैंको को 2005 में भारत में क्यों खोला गया है और इसमे किसका पैसा जमा होता है, ये बैंक किसको लोन देते है और इनका  ब्याज क्या है, इनकी जरुरत क्यों आ पड़ी भारत में जब की भारत के ही बैंकरों की बैंक खोलने की अर्जियाँ सरकार के पास धूल खा रही है, इन बैंको को चोरी छुपे क्यों खोला गया है, इन बैंको आवश्यकता क्यों है जब भारत में 80% लोग  20 रूपया प्रतिदिन से भी कम कमाते  है.

7-भारत के किसानो से कमीशन लेने वाले चोर कत्रोची के बेटे को अंदमान दीप समूह में तेल की खुदाई का ठेका क्यों दिया गया 2005 में, किसने दिया ठेका, किसके कहने पर दिया ठेका, क्या वहा पर पहले से ही तेल के कुऊ का पता लगाकर वह स्थान इसे दे दिया गया जैसे की बहुत बार खबरों में अन्य संदर्भो में  आती है, यह खबर क्यों छुपाई गयी अब तक, इसे देश को क्यों नहीं बताया गया, मिडिया क्यों इसे छुपा गई, और विपक्ष ने इसे मुद्दा क्यों नहीं बनाया.

8- सरकार ने पहले कहा की बाबा बकवास कर रहे है, काला धन नाम की कोई चीज नहीं है,

9-फिर खबर आयी की काला धन है और सबसे ज्यादा भारतीयों का है, यह स्विस बैंको के आलावा 70 और दुसरे देसों में जमा है,

10- सरकार  ने कहा की टैक्स चोरी का मामला है, हम उन देशो से समझौते कर रहे है, जिससे की दोहरा कर न देना पड़े,

11- यह टैक्स चोरी नहीं भारत देशको लूट डालने का मामला है जिसकी सजा किसान से पूंछो तो सिर्फ मौत देना चाहता है वह भी सब कुछ वसूल लेने के बाद,

12- फिर बात आई की यदि ये भ्रष्टाचारी और लुटेरे इसमे से 15% टैक्स सरकार को दे तो इसे भारत के बैंको में जमा करने दिया जायेगा और किसी को यह हक़ नहीं होगा की वह पूछे की या इतना पैसा कैसे कमाया या  लूटा. सरकार इस पर एक कानून ला रही है, क्यों? किसको बचाया जा रहा है? जिसने भी यह गद्दारी की है उसे तो भीड़ ही मार डालेगी,
 इन्ही लोगो की वजह से भारत में इतनी महागायी है की लोग शादी खर्च से बचने के लिए बेटियों की जान ले ले रहे है, किसान आत्महत्या कर रहा ई, गरीब दवा नहीं करा रहा है, बच्चे स्कुल नहीं जा रहे है, इन्हें तो किसी कीमत पर नहीं छोड़ा जा सकता है, ये यूरिया घोटाला करते है और यूरिया किसान को दुगुने दाम बचा जाता है, फिर गेहू सस्ते में खरीदा जाता है, और अब तो घोटाला 115%  हो जायेगा, 115 चुराओ, 15 सरकार को देकर 100 खुद रख लो.

13-हमारे देश  में क्यों अनुसन्धान के लिए पर्याप्त पैसा नहीं दिया जाता है, यह कीसकी चाल है, जिसकी वजह से हम 5-10 गुना दाम में विदेशी चीजे खरीदते है,

14-ऐसे कौन से कारण  है जिनके कारन हम नेहरू के द्वारा ट्रांसफर अफ पॉवर अग्रीमेंट 14 अगस्त 1947 को दस्तखत करने के बाद भी आज तक विक्सित नहीं बन पाए, जब की हमारी जनता हफ्ते में 90 घंटा काम करती  है जबकि कामचोर अंग्रेज हफ्ते में सिर्फ 30 घंटा काम करते है,

15-क्या कारण है  की हमारे 45 रुपये में 1 डालर  और 90 रुपये में 1 पौंड मिलाता है, जब की 1947 में 1 रुपये में 1 डालर  मिलता था.

16-क्या कारण है की हमारे देश में एक भी सोलर ऊर्जा वैज्ञानिक नहीं है और दुनिया भर के परमाणु वैज्ञानिक है जो हमें हमेशा झूठा अश्वाव्हन देते है की यह परमाणु बिजली सस्ती और निरापद है भारत की परमाणु से सम्बंधित कुल बाजार 750 लाख करोड़ का होगा. जब की हम भारत  में 400000 मेगावाट सोलर बिजली बना सकते है,

17-हम अभी तक सुरक्षित अन्ना भण्डारण की व्यवस्था क्यों नहीं बना पाए जब की हमारे पास धन की कमी ही नहीं है, क्योकि अन्न को सडा दिखाकर उसे कौड़ियो के भाव  शराब माफिया को बचा जाता है जब की गरीब अन्ना बिना मर रहा है, इसके लिए तो कोई एक व्यक्ति जिम्मेदार होगा, उसकी सजा क्या है,

18- मीडिया को निष्पक्ष बनाने के लिए सरकार क्या कदम उठा रही है, सभी भारतीयों को पता चल गया है की मिडिया , टीवी और पत्रिकाए सरकार को बिक चुकी है, बड़े शर्म की बात है, शाम को सिर्फ 4 रोटी खाने के लिए भारत माता से गद्दारी क्यों?

19. अगर देश में 2 लाख करोड़ रुपये की नकदी सर्कुलेशन में है तो देश की अर्थव्यवस्था करीब 100 लाख करोड़ रुपयों की होती है. और हमारे देश में रिजर्व बैंक अबतक लगभग 18 लाख करोड़ रुपयों के नोट छाप चुका है और कमसे कम 10 लाख करोड़ रुपये सर्कुलेशन में है. इस हिसाब से देश की अर्थव्यवस्था करीब 400 से 500 लाख करोड़ रुपये होनी चाहिए लेकिन अभी हमारी अर्थव्यवस्था केवल 60 लाख करोड़ की है. जबकि इतनी अर्थव्यवस्था के लिए दो लाख करोड़ से भी कम सर्कुलेशन मनी की जरूरत है.

20. अगर 400  लाख करोड़ रूपये का काला धन देश में वापिस आ जाता है तो देश की अर्थव्यवस्था करीब 20,000 लाख करोड़ रुपये होगी ... क्या आप जानते हैं कि इस समय अमेरिका सबसे शक्तिशाली देश है और उसकी अर्थव्यवस्था करीब 650 लाख करोड़ की  है... मतलब 400 लाख करोड़ रुपये वापिस मिलने पर हम अमरीका से भी 30 गुना ज्यादा शक्तिशाली बन सकते है.

 दोस्तों,
स्वामी जी की टीम निरक्षरों की नहीं बल्कि बहुत  पढ़ी लिखी, ज्ञानी, दानी, समर्पित, इमानदार और राष्ट्रप्रेमी टीम है, इसमे ज्यादातर इंजिनियर और आई टी के लोग जुड़े है,
 इनमे कई लोग ऐसे भी हैं जो करोड़ों रुपयों की नौकरी और कारोबार छोड़कर
केवल देश के लिए स्वामी जी के साथ जुड़े हैं.

भारत को वैभव शाली बनाने के लिए सभी देशवासिओं के पूरे सहयोग और समर्थन की जरूरत है. इस सन्देश को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाए|


जय  भारत
राजपुरोहित
हंस ओसियन इंस्टिट्यूट
 मोब. नो: 09219666141

शुक्रवार, 10 जून 2011

दवा नहीं, दबा कर इलाज

एक्यु चीनी भाषा का शब्द है, जिसका मतलब है पॉइंट, यानी अगर शरीर के कुछ खास पॉइंट्स पर सूई से पंक्चर (छेद) कर इलाज किया जाए तो एक्युपंक्चर कहलाता है और अगर उन्हीं पॉइंट्स पर हाथ से या किसी इक्युपमेंट से दबाव डाला जाए तो एक्युप्रेशर कहलाता है। अगर पैरों और हाथों के पॉइंट्स को दबाते हैं तो रिफ्लेक्सॉलजी कहलाता है, जबकि मसाज के जरिए पूरे शरीर के पॉइंट्स दबाने को शियात्सु कहते हैं। अगर एनर्जी कम है तो क्लॉकवाइज और ज्यादा है तो एंटी-क्लॉकवाइज दबाया जाता है। इसके अलावा, प्रेस और रिलीज तकनीक भी अपना सकते हैं यानी कुछ देर के लिए पॉइंट को दबाएं, फिर छोड़ दें। ऐसा बार-बार करें।


कितना वक्त लगता है
शरीर में कुल 365 एनर्जी पॉइंट होते हैं। अलग-अलग बीमारी में अलग-अलग पॉइंट असर करते हैं। कुछ पॉइंट कॉमन भी होते हैं। एक्युपंक्चर का एक सेशन 40-60 मिनट का होता है और एक बार में 15-20 पॉइंट्स पर पंक्चर किया जाता है। एक्युप्रेशर में हर पॉइंट को दो-तीन मिनट दबाना होता है। आमतौर पर 3-4 सेशन में असर दिखने लगता है और 15-20 सिटिंग्स में पूरा आराम आ जाता है। हालांकि इलाज लंबा भी चल सकता है। एक सिटिंग के 500 से 1000 रुपये तक लिए जाते हैं। अच्छे डॉक्टर इलाज से पहले इलेक्ट्रो मेरिडियन इमेजिंग (ईएमआई) टेस्ट करते हैं, जिसमें एनर्जी लेवल और पॉइंट्स की जांच की जाती है।

एक्यु योग भी जानें
एक्युपंक्चर पॉइंट्स के साथ मिलाकर योग किया जाए तो एक्यु योग कहलाता है। जैसे कि एक्युपंक्चर या प्रेशर से शुगर के मरीज के स्प्लीन (तिल्ली) या पैंक्रियाज पॉइंट को जगाया जाता है और साथ में शलभासन कराया जाता है, जोकि स्प्लीन या पैंक्रियाज के लिए फायदेमंद है। अस्थमा में फेफड़ों के पॉइंट्स को दबाने के अलावा प्राणायाम कराया जाता है। अगर मरीज को योग और एक्युप्रेशर पॉइंट, दोनों की जानकारी हो तो अच्छा है।

टिप्स
कंक्रीट पर रोजाना 10-15 मिनट नंगे पैर चलें। ध्यान रखें कि जहां चलें, वह एरिया साफ-सुथरा हो ताकि पैरों को कोई चोट न पहंुचे। नंगे पैर चलने से तलुवों में मौजूद पॉइंट्स दबते हैं, जिससे खून का दौर बढ़ता है। इससे थकान और तनाव कम होता है और पैरों, घुटनों व शरीर के दर्द में राहत मिलती है। जो लोग नंगे पांव नहीं चलना चाहते, वे सरसों या किसी भी तेल से तलुवों की जोर-जोर से तब तक मसाज करें, जब तक कि उनसे गर्मी न निकलने लगे। एक्युप्रेशर चप्पलें भी फायदेमंद हैं।

नहाते हुए रोजाना तलुवों को ब्रश से 4-5 मिनट अच्छी तरह रगड़ें।

हफ्ते में दो बार सिर की 5-10 मिनट अच्छी तरह से मसाज करें। इसके अलावा सीवी 20 पॉइंट (जहां कई लोग चोटी रखते हैं) पर रोजाना 15-20 बार हल्के हाथ से मारें। इससे करीब 100 पॉइंट जागते हैं। डिप्रेशन से लेकर मेमरी लॉस, पार्किंसंस जैसी प्रॉब्लम्स में मदद मिलती है।

कान के नीचे वाले हिस्से (इयर लोब) की रोजाना पांच मिनट मसाज करने से याददाश्त बेहतर होती है। यह टिप पढ़नेवाले बच्चों के लिए बहुत उपयोगी है।

अगर भूख कम करनी है तो खाने से आधा घंटा पहले कान के बाहर छोटेवाले हिस्से (ट्राइगस) को दो मिनट उंगली से दबाएं। भूख कम लगेगी। यहीं पर प्यास का भी पॉइंट होता है। निर्जला व्रत में लोग इसे दबाएं तो प्यास कम लगेगी।

जीभ रोजाना अच्छी तरह से साफ करें। जीभ में हार्ट, किडनी आदि के पॉइंट होते हैं। जीभ की सफाई के दौरान ये दबते हैं।

तीखे किनारों वाले रोलर को हाथ पर फेरें तो कई दर्द गायब हो जाते हैं।

रोजाना 5-7 मिनट तालियां बजाएं। इससे हाथों में मौजूद एक्युप्रेशर पॉइंट जागते हैं।


स्टमक 36, रेन 6 और स्प्लीन 6 को टोनिफिकेशन पॉइंट कहा जाता है। इन्हें रोजाना एक-एक मिनट दबाएं तो कार्यक्षमता और इम्यूनिटी बढ़ती है। एनर्जी बनी रहती है।

नोट: ऊपर बताई गतिविधियां को करने से वाइट ब्लड सेल्स बढ़ते हैं, जो हमारे इम्यून सिस्टम को बेहतर करते हैं। ध्यान रखें कि इनसे पूरी बीमारी ठीक नहीं होगी, लेकिन राहत जरूर मिलेगी। बीमारी ठीक करने के लिए पूरा इलाज करना होगा।

ये पॉइंट्स हैं खास

एक्युप्रेशर/एक्युपंक्चर के कुल 365 पॉइंट्स में से कुछ ऐसे हैं, जो काफी असरदार होते हैं और कई तरह की बीमारियों में राहत दिलाते हैं। ये पॉइंट्स हैं :

जीवी 20 या डीयू 20
कहां : सिर के बीचोंबीच, जहां कई लोग चोटी रखते हैं।

उपयोग: याददाश्त बढ़ाता है, चिड़चिड़ापन, डिप्रेशन, हाइपर एक्टिविटी को कम कर मन को शांत करता है। पढ़नेवाले बच्चों के लिए खासतौर पर असरदार। यह सारे पॉइंट्स का कंट्रोलिंग पॉइंट भी है, इसलिए इसे हर बीमारी में दबाया जाता है।

जीबी 20
कहां : कान के पीछे के झुकाव में।

उपयोग: डिप्रेशन, सिरदर्द, चक्कर और सेंस ऑर्गन यानी नाक, कान और आंख से जुड़ी बीमारियों में राहत। दिमागी असंतुलन, लकवा, और यूटरस की बीमारियों में असरदार।

एलआई 11
कहां : एल्बो (कोहनी) क्रीज के बाहरी हिस्से पर।

उपयोग: कॉलेस्ट्रॉल, ब्लडप्रेशर, गले में इन्फेक्शन, यूरिन इन्फेक्शन, उलटी, डायरिया, हिचकी, पीलिया, खून की कमी आदि में। खून से संबंधित हर बीमारी में कारगर। इम्यूनिटी बढ़ाता है। यूबी 17 (बीएल 17) के साथ करें तो बेहतर है।

एसटी 36
कहां : घुटने से चार उंगली नीचे, बाहर की तरफ। इसे टोनिफिकेशन पॉइंट भी कहा जाता है। इस पर रोजाना मसाज करने से कई बीमारियों से बचा जा सकता है।

उपयोग: फौरन स्टैमिना बढ़ाता है। थकान और लंबी बीमारी के बाद ठीक होने में मदद करता है। पेट की बीमारियों और लूज मोशंस में असरदार। दस्त में स्टमक 25 (नाभि के दोनों तरफ तीन उंगली की दूरी पर) भी काफी फायदेमंद है।

लिव 3
कहां : पैर में अंगूठे और साथ वाली उंगली के बीच में, तीन उंगली ऊपर की तरफ।

उपयोग: इमोशन कंट्रोल, पीरियड्स की तकलीफ, शरीर में जकड़न और आंखों की बीमारियां में फायदेमंद। हेपटाइटिस, पीलिया, लिवर से जुड़ी प्रॉब्लम में असरदार।

चेतना पॉइंट
कहां : लेफ्ट हाथ में कलाई और कोहनी के बिल्कुल बीचोबीच।

उपयोग: 30-35 साल की उम्र के बाद इसे नियमित रूप से दबाने से बुढ़ापा आने की रफ्तार कम होती है। यह नींद लाने में भी मदद करता है।

किस बीमारी में कौन-सा पॉइंट कारगर

सिरदर्द
एलआई 4, आंखों के आसपास दर्द है तो लिव 3, सामने दर्द है तो एसटी 44, माथे में दर्द है तो जीबी 43, सिर के पीछे दर्द में यूबी 67, सिर से पॉइंट जितना दूर होगा, उतना फायदेमंद।

बदन दर्द
एसपी 21, जीबी 34, एलआई 4

सर्वाइकल, गर्दन में दर्द
एसआई 9, जीबी 21, एलयू 7, एसआई 3

घुटने में दर्द
एसटी 34, एसटी 36, एसपी 10, यूबी 40

कमर का दर्द

यूबी 23, यूबी 40, यूबी 57, यूबी 60, यूबी 61, जीबी 34, एसटी 36

पेटदर्द, गैस, एसिडिटी
एसटी 36, एलआई 4, पी 6, रेन 12

सर्दी-जुकाम और खांसी
डीयू 20, एलआई 4, एलआई 11, एलयू 7, स्प्लीन 10 (नी कैप पर दो इंच ऊपर) एलर्जी के लिए

उलटी
पी 6, एसटी 36, के1 (मॉर्निंग सिकनेस और ट्रैवल सिकनेस में भी असरदार)

लूज मोशंस
एसटी 36, लिव 13, रेन 6, स्प्लीन 4

आंखों की बीमारियां
एसटी 1, यूबी 1 (इसमें सूई न लगाएं), एसटी 1, जीबी 1, एक्स्ट्रा 1, यूबी 67

मुंहासे
एलआई 4, डीयू 20, एलआई 11, एसटी 6, एलयू 7

चक्कर आना
एलआई 4, सीवी 13, पी 6

याददाश्त बढ़ाना
डीयू 20, एक्स्ट्रा 1

जीवनी शक्ति बढ़ाने के लिए
एसटी 36, एलआई 11 और स्प्लीन 36

नींद न आना
डीयू 20, यूबी 62, हार्ट 7 (मन को शांत करता है)

स्त्री रोग और जनन संबंधी रोग
स्प्लीन 6, रेन 4, लिव 3

थकान
एसटी 36, रेन 6, चेतना पॉइंट

कॉलेस्ट्रॉल
सीवी 12, सीवी 13, लिव 13, यूबी 17

ब्लड प्रेशर
लिव 3, लिव 4, एलयू 9, डीयू 20, लिव 4 भी गुस्सा कम करता है और दिमाग को कंट्रोल में रखता है।

शुगर
एसपी 10, सीवी 12, लिव 13

अस्थमा
एलयू 6, एलयू 7, एलयू 9, एलआई 11, पी 6, रेन 17, रेन 22 (इमरजेंसी में बेहद कारगर)

पीलिया
लिव 3, लिव 14, हेपटाइटिस और लिवर से जुड़ी बाकी प्रॉब्लम्स में भी

लकवा
एलआई 4, एलआई 11, एलआई 15, एसटी 31, एसटी 32, एसटी 36, एसटी 41, स्प्लीन 6, लिव 3

कौन-सा पॉइंट कहां

एक्स्ट्रा 1
कहां : माथे पर, जहां महिलाएं बिंदी लगाती हैं।

एक्स्ट्रा 2
कहां : आंख के कोने से एक उंगली पीछे कान की तरफ।

एलआई 4
कहां : अंगूठे और इंडेक्स फिंगर (तर्जनी) को मिलाते हैं तो सबसे ऊंचे पॉइंट पर यह मौजूद होता है।

एलआई 20
कहां : नाक के साइड में, नथुने जहां खत्म होते हैं।

यूबी 40
कहां : घुटने के पीछे।

रेन 4
कहां : नाभि से चार उंगली नीचे।

रेन 6
कहां : नाभि से दो उंगली नीचे।

रेन 12
कहां : पेट के सामनेवाले हिस्से पर बीच में, नाभि और पसलियों के बीच।

रेन 17
कहां : दोनों निपल के बीच सीने की हड्डियों के बीच में।

रेन 22
कहां : गले के सामने वाले गड्ढे में।

जीबी 21
कहां : कंधे और गले के जोड़ के बीच में।

सीवी 12
कहां : नाभि से तीन उंगली ऊपर।

सीवी 13
कहां : नाभि से चार उंगली ऊपर।

लिव 6
कहां : काफ मसल के पास, टखने से आठ उंगली ऊपर।

लिव 13
कहां : 12वीं पसली के पास, जहां पेट के साइड में दोनों कुहनियां टच करती हैं।

लिव 14
कहां : सीने में सामने की तरफ, निपल लाइन से नीचे छठी और सातवीं पसली के बीच।

एलयू 6
कहां : कलाई से आठ उंगली ऊपर, थोड़ा-सा बाहर की तरफ।

एलयू 7
कहां : एलयू 9 से दो उंगली ऊपर।

एलयू 9
कहां : कलाई के जोड़ से जहां अंगूठा शुरू होता है, उससे एक इंच अंदर की तरफ।

एसपी 10
कहां : घुटने से चार उंगली ऊपर साइड में।

एसपी 21
कहां : सीने पर आठवीं पसली के दोनों तरफ।

यूबी 23
कहां : रीढ़ की हड्डी के दोनों तरफ दो उंगली साइड में, पसलियों के निचले हिस्से में।

यूबी 59
कहां : काफ मसल से थोड़ा नीचे।

यूबी 60
कहां : यूबी 59 से दो उंगली नीचे।

यूबी 61
कहां : पंजे की बाहरी साइड में, छोटी उंगली के पास एड़ी से थोड़ा अंदर।

एसटी 31
कहां : जांघ के ऊपरी हिस्से पर।

एसटी 32
कहां : घुटने से आठ उंगली ऊपर बाहर की तरफ।

कहां : घुटने से चार उंगली नीचे।
एसटी 41

कहां : टखने के सामने।
लंग 7

कहां : कलाई के जोड़ से दो उंगली ऊपर।
पी 6

कहां : कलाई के सामने वाले हिस्से पर, कलाई के जोड़ से तीन उंगली ऊपर।

स्प्लीन 6
कहां : पैर के सामनेवाले हिस्से में, टखने से चार उंगली ऊपर।

के1
कहां : पैर के तलुवे में बीच वाली उंगली से थोड़ा नीचे, जहां उठा हुआ हिस्सा होता है।

हार्ट 7
कहां : कलाई पर अंदर की तरफ, एलयू 7 के पास।

किसका मतलब क्या

जीवी : गवर्निंग वेल्स
जीबी : गॉल ब्लेडर
यूबी : यूरिनरी गॉल ब्लेडर
एलआई : लार्ज इंटेस्टाइन
लिव : लिवर
एसटी : स्टमक
पी : पेरिकाडिर्म

सावधानियां बरतें

एक्युपंक्चर हमेशा अच्छे क्लिनिक और क्वॉलिफाइड डॉक्टर से कराएं। साफ-सफाई का खास ध्यान रखें।

सूइयां फिर से इस्तेमाल न करें। खुद की इस्तेमाल की हुई सूइयां भी फिर से इस्तेमाल न करें। कई लोग कहते हैं कि ज्यादा इस्तेमाल के बाद ही सूइयां बेहतर काम करती हैं, लेकिन यह सच नहीं है। इस्तेमाल की हुई सूइयों को दोबारा इस्तेमाल करने से एड्स या हेपटाइटिस जैसी बीमारियां हो सकती हैं।

गलत पॉइंट दबाने से फायदा नहीं होगा लेकिन नुकसान भी नहीं होगा। एक्युप्रेशर/एक्युपंक्चर का कोई साइड इफेक्ट नहीं है।
 

बुधवार, 8 जून 2011

एक्यूप्रेशर की विशेषताऐ /एक्यूप्रेशर उपचार के महत्वपूर्ण पहलुओं

एक्यूप्रेशर चिकित्सा बहुत उपयोगी है और लगभग रोगों के सभी प्रकार के लिए कारगर साबित हुई है. इलाज बहुत आसान है और किसी भी पक्ष प्रभाव नहीं है.  अपने शरीर पर खास बात करने के लिए निर्भर हो रहा है दबाव आपके शरीर के दोषपूर्ण अंग पर. कुछ सुझाव मदद कर सकते हैं आप सभी इस उपचार लेने के लिए इस क्षेत्र में प्रशिक्षित व्यक्तियों से सफलतापूर्वक.   मैं एक्यूप्रेशर चिकित्सा पर 3 महीने के प्रशिक्षण पाठ्यक्रम आया है और मैं यह बताते हुए कि इस थेरेपी लगभग 4 से 6 सप्ताह की अवधि के भीतर की बीमारियों के अधिकांश के इलाज करता है में कोई हिचक नहीं है.

जब हमारे शरीर के किसी अंग एक विकार विकसित है, हमारे उस अंग के साथ जुड़े त्वचा, पर कुछ विशेष अंक दर्द हो रहा शुरू करते हैं. इस चिकित्सा के लिए कुंजी को उस समय पता लगाने और उंगली और अंगूठे के साथ ऐसे बिन्दुओं पर उचित दबाव दे रहा है. जब इन बिंदुओं पर दबाव बनाया है, प्राणिक ऊर्जा सामान्य रूप से बहने लगता है एक बार फिर से, हमारे शरीर के सकारात्मक और नकारात्मक ताकतों के बीच एक संतुलन बना. उपचार का सबसे महत्वपूर्ण भाग के लिए वास्तव में बाहर उपचार देने के लिए शरीर पर उन बिंदुओं मिल रहा है. इस तरह के अंक पाने में सबसे महत्वपूर्ण कारक उन बिंदुओं पर दर्द की हद तक है. अगर वहाँ उन बिंदुओं पर गंभीर दर्द है, जुड़ा हुआ अंग एक विकार हो रही है. ऐसे बिंदुओं की भी तापमान की तुलना में लगभग क्षेत्र और थोड़ा रंग बदलने के द्वारा भी इस तरह के अंक पर मनाया जाता है है थोड़ा अधिक पाया. सभी अंगों के लिए सभी बिंदुओं की विशिष्ट स्थानों मिनट विवरण में प्रशिक्षित व्यक्तियों को जाना जाता है. इसलिए, यह आसान हो जाता है उन्हें ठीक करने के लिए बाहर अंक खोजने के लिए. इस तरह के अंक के लिए 2 से 4 मिनट के आसपास प्रति दिन 3 बार विकार की गंभीरता और रोगी की शारीरिक स्थिति पर निर्भर करता है, के लिए लगाए जा रहे हैं. जैसी कोई साधन को एक्यूप्रेशर के उपचार देने की जरूरत है. तो, किसी भी स्थिति में उपचार दिया जा सकता है. हालांकि, स्थिति में बैठे उपचार सबसे अच्छा है. कुछ लोगों को आसन नींद में उपचार पसंद करते हैं. महत्वपूर्ण बात यह है कि संबंधित बिंदुओं पहुंच योग्य स्थिति में आसानी से किया जाना चाहिए. मरीज खुद भी इस तरह के उपचार लेने के लिए, यदि क्षेत्र में पूरी तरह प्रशिक्षित कर सकते हैं.
यह समय है जब प्राणिक ऊर्जा सबसे प्रभावित अंग में सक्रिय है पर एक्यूप्रेशर उपचार लेना पसंद है.  उदाहरण के लिए, गुर्दे के लिए एक्यूप्रेशर चिकित्सा सबसे अधिक लाभकारी हो सकता है अगर उपचार दिया जाता है 
 3 बजे और 5 बजे. हालांकि, अगर यह संभव हो किसी भी कारण के कारण नहीं है, इलाज भी किसी अन्य सुविधाजनक समय पर लिया जा सकता है. दबाव की मात्रा पर अंक शरीर पर बिंदु के स्थान पर निर्भर दिया जाएगा, रोगों, उम्र और रोगी की शारीरिक स्थिति, आदि के प्रकार मध्यम दबाव कम होता है के मामले में लागू होता है रोगी उपचार ले पहली बार के लिए, वहाँ अंक पर एक अत्यधिक दर्द है, शरीर की मांसपेशियों को ढीला कर रहे हैं, और संबंधित अंग की हालत कमजोर आदि दबाव देने की सटीक प्रक्रिया भी महत्वपूर्ण है, लेकिन प्रशिक्षित व्यक्तियों को जाना जाता है. को उंगलियों के अपने नाखूनों ट्रिम अगर आप उपचार दे रहे हैं सुनिश्चित करें. उपचार जारी रखने के लिए जब तक मरीज को पूरी तरह से ठीक है है. इस समय 8 रोग की गंभीरता के आधार पर हफ्तों से 4 सप्ताह से भिन्न होता है.

यह कुछ विशेष परिस्थितियों में एक्यूप्रेशर उपचार लेना उचित नहीं है. यदि आप बहुत थके हुए हैं और पसीने कर रहे हैं, इलाज से बचने के लिए जब तक आप सामान्य हो जाते हैं. यदि आप बहुत भूख लगी है, यह बेहतर है के लिए उपचार ले कुछ खाने से पहले ले लो. आप लंच या डिनर के तुरंत बाद एक इलाज नहीं कराने चाहिए. आप कुछ दवाई लेने के 2 घंटे के भीतर इलाज नहीं लेना चाहिए. कोई इलाज के आसपास आधा एक गर्म स्नान लेने के एक घंटे के भीतर उचित है. यह उपचार लेने अगर आप गर्भवती हैं उचित नहीं है. यदि आप रीढ़ की हड्डी में चोट से पीड़ित हैं, एक्यूप्रेशर उपचार लिया नहीं होना चाहिए. यदि आप उच्च बुखार चल रहे हैं, इस उपचार से बचें. आप अपने शरीर की सफाई का उच्च स्तर बनाए रखने के लिए कम से कम जब तक इस तरह के इलाज के लिए जारी करना चाहिए. सुनिश्चित करें कि आप का इलाज व्यक्ति पूरी तरह से इस तरह के उपचार देने के लिए योग्य है बनाओ.

तुम सिर दर्द, ठंड और खांसी, दस्त, एक हफ्ते के बारे में कम गुस्सा शुरू में आदि जैसे कुछ लक्षण हो सकता है. इस के कारण इलाज बंद करो और उपचार के साथ जारी न करें. इस तरह के लक्षण अपने दम पर लगभग 10 दिनों के भीतर सबसे ज्यादा, गायब हो जाएगा. शरीर के अंगों की शुद्धि उपचार के दौरान अंदर से जारी है और आप अपने आप को बेहतर और बेहतर मिलेगा. एक्यूप्रेशर चिकित्सा एक सिद्ध तकनीक है, और इलाज लगभग सभी किसी भी हानिकारक दवाओं और दुष्प्रभावों के बिना रोग. अगर मेरी एसी दोस्तों में से किसी को कोई संदेह या इस चिकित्सा के बारे में प्रश्न हैं, कृपया मुझसे संपर्क करने के लिए स्वतंत्र.  

http://www.hamsinstitute.com/education/courses/BDAT.htm 

शनिवार, 4 जून 2011

पूरक चिकित्सा या वैकल्पिक चिकित्सा

"पूरक दवा" और शब्द "वैकल्पिक चिकित्सा" अक्सर एक ही तरीके से उपयोग किया जाता है, जैसे कि वे परस्पर विनिमय कर रहे हैं, और संयुक्त रूप से दवा के किसी भी प्रकार है कि बाहर जाता है  वर्तमान पश्चिमी चिकित्सा पद्धति के दायरे. हालांकि, मामले के बारे में सोच कर इसे आसान करने के लिए तय है कि वे दर्द, बीमारी, या विघटन के उपचार के लिए गैर पारंपरिक या गैर पश्चिमी चिकित्सा उपचार के रोगी के शरीर के लिए उपयोग के बारे में बहुत अलग दर्शन का जिक्र कर रहे . एक्यूपंक्चर चिकित्सा उपचार का एक रूप है जो दोनों शब्द "पूरक दवा" और शब्द "वैकल्पिक चिकित्सा" अक्सर संलग्न है. क्या इन दो शब्दों के बीच अंतर है, और यह बात शब्द है जो करने के लिए एक्यूपंक्चर का वर्णन का उपयोग किया है?

एक्यूपंक्चर परंपरागत चीनी चिकित्सा का एक रूप है कि बाल ठीक सुई है, जो त्वचा में सामरिक बिंदुओं पर डाला जाता है के रूप में जाना द्वारा शरीर में ऊर्जा का प्रवाह (के रूप में "क्यूई" ज्ञात विनियमन द्वारा "एक्यूपंक्चर अंक." का उपयोग रोजगार है शरीर के माध्यम से एक्यूपंक्चर) चिकित्सकों, एक्यूपंक्चर चिकित्सा को बढ़ावा देने में मदद, दर्द, शांत ऐंठन को कम करने और टिक टिक, प्रतिरक्षा प्रणाली सिलेंडर का काम है, और आम तौर पर असंख्य रूपों में अच्छे स्वास्थ्य को प्रोत्साहित कर सकते हैं. अपने पूर्वी मूल है, और उसके पश्चिमी चिकित्सा पद्धतियों के साथ स्पष्ट तोड़ने की वजह से, एक्यूपंक्चर आमतौर पूरक या वैकल्पिक चिकित्सा के एक फार्म के रूप में जाना जाता है. शब्द "पूरक दवा" एक चिकित्सा उपचार या चिकित्सा कि conjuncture में साथ उपयोग किया जाता है, या एक, पश्चिमी चिकित्सा उपचार के लिए पूरक के रूप में के समूह को दर्शाता है.  शब्द "विकल्प दवा ", दूसरे हाथ पर, चिकित्सा उपचार है कि बदले में से अभ्यास कर रहे हैं करने के लिए संदर्भित करता है, या करने के लिए, वे एक ही वर्तमान में स्वीकार किया पश्चिमी चिकित्सा उपचार के एक विकल्प के रूप में. पूरक दवा और वैकल्पिक चिकित्सा अक्सर उपचार के ही मूल सेट का वर्णन किया जाता है. इन उपचार शामिल हैं, लेकिन, एक्यूपंक्चर, हर्बल अनुपूरण, क्यूई घडि़याल, reike, और अन्य ऊर्जा चिकित्सा सीमित नहीं हैं. भी मालिश चिकित्सा और व्यवहार के योग चिकित्सा कर रहे हैं वैकल्पिक और पूरक अक्सर माना जाता रूपों की.

जहां पूरक चिकित्सा बनाम वैकल्पिक चिकित्सा के प्रश्न में उपयोग एक्यूपंक्चर गिर चाहिए? यह एक प्रश्न मैं अक्सर क्रोनिक दर्द और बीमारी से ग्रस्त मरीजों एक्यूपंक्चर क्लीनिक है कि मैं समय में व्यवहार किया जाता है से पूछा रहा हूँ, और मैं इस विषय पर एक काफी मजबूत राय है. रोगियों और उनके परिवारों को जो दवाएं मरीजों को ले जा रहे हैं, इंजेक्शन, प्रक्रियाओं के दर्द से थक के साइड इफेक्ट के साथ निराश कर रहे हैं, और जोड़तोड़ कि उनके मानक पश्चिमी चिकित्सा उपचार उन्हें पैदा कर रहे हैं, और सिर्फ सादा बीमार हैं और सब के थक गए 'डॉक्टरों कार्यालयों का दौरा अक्सर पता है अगर वे सिर्फ एक्यूपंक्चर पर ध्यान केंद्रित कर सकते चाहते हैं, क्योंकि वे अपनी एक्यूपंक्चर उपचार से इस तरह के सकारात्मक परिणाम हो रहे हैं. वे "प्राकृतिक दृष्टिकोण" और रिपोर्ट एक्यूपंक्चर के बाद उनकी स्थिति के बारे में अधिक सकारात्मक महसूस करने के लिए आकर्षित कर रहे हैं.

मेरा जवाब यह है. वे कर सकते हैं बाहर पश्चिमी चिकित्सा घंटियाँ और whistles चक और एक्यूपंक्चर पर पूरी तरह एक वैकल्पिक चिकित्सा उपचार के लिए दृष्टिकोण के रूप में भरोसा करते हैं? बेशक वे कर सकते हैं. वे चाहिए? लगभग सभी मामलों में, मेरा जवाब बिल्कुल नहीं है. मेरी क्या एक्यूपंक्चर सर्वश्रेष्ठ वैकल्पिक चिकित्सा के रूप में या पूरक दवा के रूप में उपयोग किया जाता है का सवाल के बारे में व्यक्तिगत भावना है कि एक्यूपंक्चर बिल्कुल, बोर्ड भर में लगभग है, पूरक दवा का एक रूप माना जाना चाहिए. वैकल्पिक चिकित्सा के रूप में एक्यूपंक्चर का प्रयोग एक विचार है कि, मेरी राय में, केवल संभावित स्वयं रोगी की ओर से हानिकारक नहीं है, लेकिन यह  के रूप में पश्चिमी चिकित्सा पद्धतियों के क्षेत्र में प्रगति की खोजों जीवन रक्षक और अविश्वसनीय उपयोगी तकनीक है, जो स्वास्थ्य को बेहतर बनाने और अच्छी तरह से लोगों की जा रही कर सकते हैं और अपने जीवन को लम्बा खींच पूर्वी दवा, जिनमें से कई को सफलतापूर्वक में मदद की है रोगियों को अपने दर्द और चुप का प्रबंधन करने से कार्यरत हैं प्रथाओं के बारे में लाया है कई सदियों के लिए उनके रोग के लक्षण, काफी हद तक नजरअंदाज कर दिया है और खारिज कर दिया. अब, के रूप में उन प्रथाओं एक बार फिर पश्चिम, बहुत से लोगों में लोकप्रियता प्राप्त कर रहे हैं करने के लिए अलग तरह एक्यूपंक्चर उपचार के gentler दृष्टिकोण के लिए और अधिक हाल के, वैज्ञानिक प्रगति धक्का खींचा. मेरा मानना ​​है कि किसी भी इलाज है कि जबकि एक अन्य पर निर्भर चिकित्सा के एक स्कूल के लाभों की उपेक्षा एक इलाज है कि नाटकीय रूप से रोगी को अच्छी तरह से किया जा रहा है वसूली के लिए संभावनाओं की सीमा है.

कई मामलों में, कैंसर जैसे गंभीर बीमारी के साथ, एक वैकल्पिक चिकित्सा उपचार के रूप में एक्यूपंक्चर का प्रयोग न ही नहीं है का संकेत है, लेकिन यह भी एक संभावित खतरनाक, यहां तक ​​कि जीवन धमकी विकल्प है. उदाहरण के लिए, कैंसर रोगियों को अक्सर एक पूरक चिकित्सा हस्तक्षेप के रूप में एक्यूपंक्चर का उपयोग करने के लिए उनकी मदद की और कैंसर चिकित्सा उपचार वे रोग से लड़ने के दौर से गुजर रहे हैं के प्रभाव का मुकाबला करने के लिए. अधिकांश लोगों को अच्छी तरह से रसायन चिकित्सा और विकिरण चिकित्सा जैसे उपचार के भयानक दुष्प्रभाव से परिचित हैं. मिचली, उल्टी, और अत्यधिक थकान, अन्य प्रभावों के बीच में, आम की स्थिति है कि कैंसर के लिए मानक उपचार का एक परिणाम के रूप में होते हैं. एक्यूपंक्चर अक्सर बहुत शांत, और कभी कभी और समय की मात्रा बदलती के लिए मिचली, उल्टी को समाप्त मदद करने में प्रभावी है. यह भी रोगी की ऊर्जा और प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत, मदद कर उन्हें मजबूत महसूस करने के लिए और बंद परजीवी बीमारियों छंद प्रयोग किया जा सकता है. क्योंकि वे अक्सर इतना बेहतर है जब एक पूरक चिकित्सा हस्तक्षेप के रूप में एक्यूपंक्चर का उपयोग लगता है, कई कैंसर रोगियों एक्यूपंक्चर उपचार का सही लाभ गलत. उन्हें लगता है ". उन्हें बेहतर बनाने" वास्तविकता में है कि एक्यूपंक्चर है, जबकि एक्यूपंक्चर को एक बीमारी के प्रभाव से निपटने में मदद, कैंसर की तरह, यह कैंसर ही नहीं पता कर सकते हैं. रोगी, सच है कि वे बेहतर महसूस के बावजूद ठीक नहीं किया जा रहा है. रसायन चिकित्सा, विकिरण, सर्जरी, या जो कुछ भी पाठ्यक्रम का इलाज रोगी के oncologist निर्धारित साथ जारी रहेगी अच्छा करने के लिए पता मरीज कैंसर महत्वपूर्ण है अनुकूल है. जाहिर है, कैंसर के उपचार के एक वैकल्पिक चिकित्सा के रूप में इसके उपयोग पर पूरक चिकित्सा के एक फार्म के रूप में एक्यूपंक्चर के पक्ष में तर्क का एक चरम उदाहरण है, लेकिन एक ही तर्क पर लागू होता है लगभग सभी दर्द और बीमारी की स्थिति. एक्यूपंक्चर द्वारा प्रदान की पुरानी समस्या से पीड़ित रोगियों के लिए सहायता, के बावजूद मरीज साधारण चिकित्सक और अन्य स्वास्थ्य देखभाल प्रदाता (ओं) के रूप में चिकित्सकों के दल के इलाज के आदेश के लगभग सभी चिकित्सा शर्तों के लिए warranted है द्वारा देखभाल करना जारी रखा. एक्यूपंक्चर के लिए दर्द और बदलती ओर उनकी शर्त के साथ जुड़े प्रभाव का प्रबंधन रोगी की मदद और कुछ राहत है, जो रोगी मदद करने के लिए अन्य उसे या उसके पास उपलब्ध उपचारों से अधिक से अधिक लाभ मिलेगा उपलब्ध करा सकता है सकते हैं. बहरहाल, एक्यूपंक्चर परंपरागत पश्चिमी उपचार के साथ conjuncture में उपयोग किया जाना चाहिए, एक सहायक उपचार के रूप में, और ऐसा नहीं है की जगह में. इस अभ्यास पूरक चिकित्सा की सबसे बनाता है. सब कुछ दोनों गोलार्द्धों के चिकित्सा ज्ञान के लिए प्रस्ताव दिया है का लाभ उठाते हुए एक शानदार तरीका किसी भी चिकित्सा हालत के लिए सबसे प्रभावी उपचार सुनिश्चित तरीका है. एक्यूपंक्चर एक उत्कृष्ट पूरक चिकित्सा उपचार हो सकता है, लेकिन मैं सुझा नहीं है चिकित्सा उपचार के किसी भी प्रकार वैकल्पिक चिकित्सा के रूप में इस्तेमाल किया जाएगा.

वहाँ किसी भी समय जब एक्यूपंक्चर वैकल्पिक चिकित्सा के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है? मुझे विश्वास है कि वहाँ कुछ स्थितियों जब एक्यूपंक्चर कि ढंग से उचित उपयोग कर सकते हैं. उदाहरण के लिए, अगर सब पश्चिमी चिकित्सा उपचार विफल रहे हैं, एक्यूपंक्चर और रोगी को कुछ राहत प्रदान कर रहा है, की तुलना में वहाँ निश्चित रूप से कोई एक्यूपंक्चर बंद कारण है. उस मामले में इसे अंतरिम दौरान एकमात्र उपचार के साधन के रूप में उपयोग करना उचित होगा. रोगी को अपने या उसकी मेडिकल टीम के साथ काम करने के लिए सहायक चिकित्सा उपचार कि पूरक होगा लाभ एक्यूपंक्चर द्वारा प्रदान की जा रही खोजने के लिए जारी जारी रखना चाहिए.

एक समय जब एक्यूपंक्चर सुरक्षित रूप से एक वैकल्पिक चिकित्सा उपचार के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है जब हालत बुझा दिया गया है. उदाहरण के लिए, हम पुराने सिरदर्द के साथ एक रोगी पर विचार करें. पूरक चिकित्सा के एक साधन के रूप में एक्यूपंक्चर उपचार के एक कोर्स करने के बाद, सिर दर्द गायब हो गया है, और रोगी को दर्द दवा वह या वह दर्द पते ले गया है दूर छुड़ाना चाहते हैं. के रूप में वहाँ लगभग रहे हैं कोई नकारात्मक पक्ष एक्यूपंक्चर के साथ जुड़े प्रभाव, वहाँ रोगी उपचार बंद करने के लिए अगर वह या जारी रखने के बाद पश्चिमी चिकित्सा उपचार अब जरूरी हैं चुनता है के लिए कोई कारण नहीं है. और उस बिंदु एक कदम आगे ले, मैं भी तर्क है कि अगर मरीज के सिर दर्द को वापस थे, का निर्धारण है कि वहाँ कोई चोट या मस्तिष्क को विसंगति नया है के बाद, यह स्वीकार्य हो रोगी को सिर दर्द पते के साथ प्रयास करने के लिए होगा वैकल्पिक चिकित्सा का एक रूप है, के रूप में पहली एक्यूपंक्चर, अगर सिरदर्द एक्यूपंक्चर के साथ नियंत्रण में किया जा सकता है वापस लाया, के रूप में चिकित्सा अतीत में सिरदर्द हालत को संबोधित करने में सफल रहा था देखने के लिए.
 
एक निवेदन आपसे :- पोस्ट में कोई कमी लगे तो बता देना जी ये मेरी 2nd पोस्ट है अगर ये पोस्ट आपको अच्छी लगी है तो मेरे ब्लॉग के समर्थक (Followers) बने ... धन्यवाद  
http://www.hamsinstitute.com/education/courses/DAC.htm